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पद्मिनी एकादशी व्रत कथा- Padmini Ekadashi

पुरुषोत्तम मास की कमला एकादशी कथा सुनने और पढ़ने से व्यक्ति पाप से छुटकारा पा सकता है।


पद्मिनी एकादशी व्रत एक हिंदू व्रत है जो कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. यह व्रत भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है. इस व्रत को रखने से भक्तों को मोक्ष प्राप्त होता है और वे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

पद्मिनी एकादशी व्रत की कथा इस प्रकार है:

एक समय की बात है, एक नगर में एक धर्मात्मा राजा रहता था. राजा के दो पुत्र थे, जिनका नाम जय और विजय था. जय और विजय दोनों ही धर्म-परायण और विद्वान थे. एक दिन, राजा के पास एक ऋषि आए और उन्होंने राजा को बताया कि पद्मिनी एकादशी व्रत करने से भक्तों को मोक्ष प्राप्त होता है और वे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. राजा ने ऋषि के वचनों को मान लिया और उन्होंने अपने दोनों पुत्रों को पद्मिनी एकादशी व्रत करने के लिए कहा.

जय और विजय ने अपने पिता के आदेश का पालन किया और उन्होंने पद्मिनी एकादशी व्रत रखा. व्रत के दिन, उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कथा सुनी. व्रत के बाद, उन्होंने ब्राह्मणों को भोजन कराया और दान दिया.

व्रत के बाद, जय और विजय को स्वप्न में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी दिखाई दिए. भगवान विष्णु ने जय और विजय को बताया कि वे उनके भक्ति से प्रसन्न हैं और उन्होंने उन्हें मोक्ष का वरदान दिया. देवी लक्ष्मी ने जय और विजय को बताया कि वे उनके भक्ति से प्रसन्न हैं और उन्होंने उन्हें सभी मनोकामनाएं पूरी करने का वरदान दिया.

जय और विजय ने भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का आभार व्यक्त किया और उन्होंने व्रत रखने का संकल्प लिया. उन्होंने अपने जीवन में सभी धर्म-कर्मों का पालन किया और वे सभी मनोकामनाएं पूरी हुई.

पद्मिनी एकादशी व्रत एक बहुत ही पवित्र व्रत है. इस व्रत को रखने से भक्तों को मोक्ष प्राप्त होता है और वे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस व्रत को रखने से भक्तों को समृद्धि, वैभव और आरोग्य प्राप्त होता है.

पद्मिनी एकादशी व्रत को रखने के कुछ नियम इस प्रकार हैं:

  • व्रत से एक दिन पहले ही सात्विक भोजन करना चाहिए.
  • व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
  • व्रत के दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
  • व्रत के दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कथा सुननी चाहिए.
  • व्रत के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और दान देना चाहिए.

पद्मिनी एकादशी व्रत को रखने से भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और वे मोक्ष प्राप्त करते हैं.

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